NCERT Solutions for Class-10 Hindi Chapter-6 Nagarjuna

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August 25, 2025
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Learning poetry can be hard, especially when it is written in deep thoughts and fewer words. Class 10 Hindi Chapter 6 – Nagarjuna is one such poem that asks students to think deeply but also feel connected with nature and life. We will explore NCERT solutions for Class 10 Hindi Chapter 6, understand the poet’s thoughts, and answer common questions from the chapter in a simple way. Nagarjuna was a famous Hindi poet and thinker. He wrote many poems that talked about real life, society, and the problems of common people. He used simple words but strong messages. Find class 10 Hindi lesson 6 question answer for your preparation.

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NCERT Solutions for Class-10 Hindi chapter-6 Nagarjuna

प्रश्न 1. बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकर कवि का मन अत्यंत प्रसन्न हो उठा। प्रवास पर रहने के कारण वह शिशु को पहली बार देखता है तो उसकी दंतुरित मुसकान पर मुग्ध हो जाता है। इससे कवि के मन की सारी निराशा और उदासी दूर हो जाती है।

प्रश्न 2. बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?

उत्तर- बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में बहुत अंतर होता है। बच्चे की मुसकान अत्यंत सरल, निश्छल, भोली और स्वार्थरहित होती है। इस मुसकान में स्वाभाविकता होती है। इसके विपरीत एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में स्वार्थपरता तथा बनावटीपन होता है। वह तभी मुसकराता है जब उसका स्वार्थ होता है। इसमें कुटिलता देखी जा सकती है जबकि बच्चे की मुसकान में सरलता दिखाई देती है।

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प्रश्न 3. कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?
उत्तर- कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है

  • कवि को लगता है कि कमल तालाब छोड़कर इसकी झोपड़ी में खिल गये हैं।

  • ऐसा लगता है जैसे पत्थर पिघलकर जलधारा के रूप में बह रहे हों।

  • बाँस या बबूल से शेफालिका के फूल झरने लगे हों।

प्रश्न 4.भाव स्पष्ट कीजिए

(क) छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।

(ख) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बाँस था कि बबूल?

उत्तर-

(क) ‘छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात’ का आशय यह है कि कवि को बच्चे का धूल धूसरित शरीर देखकर ऐसा लगता है जैसे कमल तालाब छोड़कर उसकी झोपड़ी में खिल गए हों अर्थात् बच्चे का रूप सौंदर्य कमल पुष्प के समान सुंदर है।

(ख) कम उम्र वाले शिशु जिनके दाँत निकल रहे होते हैं, उनकी मुसकान मनोहारी होती है। ऐसे बच्चों की निश्छल मुसकान देखकर उसका स्पर्श पाकर बाँस या बबूल से भी शेफालिका के फूल झड़ने लगते हैं अर्थात् कठोर हृदय वाला व्यक्ति भी सरस हो जाता है और मुसकराने लगता है।

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रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5. मुसकान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव हैं। इनकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिए।
उत्तर- मुसकान से किसी व्यक्ति की प्रसन्नता व्यक्त होती है। मुसकराने वाला स्वयं तो खुश होता ही है, अपनी मुसकान से दूसरों को भी प्रसन्न कर देता है। इससे वातावरण बोझिल होने से बच जाता है। दूसरी ओर क्रोध हमारे मन की व्यग्रता, आक्रोश और अप्रसन्नता का भाव प्रकट करता है। क्रोध की अधिकता में हम अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और वाचा, मनसा, कर्मणा दुर्व्यवहार करने लगते हैं। इससे वातावरण में शांति कहीं खो जाती है और वातावरण में कटुता घुल जाती है।

प्रश्न 6. दंतुरित मुसकान से बच्चे की उम्र का अनुमान लगाइए और तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर- यह दंतुरित मुसकान कविता में वर्णित शिशु के क्रियाकलापों से यह अनुमान लगता है कि उसकी उम्र पाँच-छह महीने होगी क्योंकि इसी उम्र में बच्चे अपरिचित को पहचानने का प्रयास करते हैं तथा उनके दाँत निकलने शुरू हो जाते हैं।

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प्रश्न 7. बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- प्रवास से काफी दिनों बाद लौटकर आए कवि की मुलाकात जब शिशु से होती है तो वह शिशु की मुसकान देखकर मुग्ध हो जाता है। उसकी दंतुरित मुसकान देखकर कवि की निराशा और उदासी गायब हो गई। उसे लगा कि उसकी झोंपड़ी में कमल खिल उठे हों। शिशु का स्पर्श पाते ही कवि का हृदय वात्सल्य भाव से भर उठा। इससे कवि के मन की खुशी उसके चेहरे पर छलक उठी। पहचान न पाने के कारण शिशु कवि को अपलक निहारता रहा। कवि सोचता है कि यदि । उसकी माँ माध्यम न बनती तो वह यह मुसकान देखने से वंचित रह जाता। इसी बीच जब शिशु ने तिरछी नज़र से कवि को देखा तो नन्हें-नन्हें दाँतों वाली यह मुसकान कवि को और भी सुंदर लगने लगी।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

प्रश्न 1. ‘मृतक में भी डाल देगी जान’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- शिशु की नवोदित दाँतों वाली सुंदर मुसकान व्यक्ति के हृदय में सरसता उत्पन्न कर देती है। इससे थक-हारकर निराश और निष्प्राण हो चुका व्यक्ति भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता है। ऐसे व्यक्ति के मन में भी कोमल भावों का उदय होता है और वह शिशु को देखकर हँसने-मुसकराने के लिए बाध्य हो जाता है।

प्रश्न 2. यह दंतुरित मुसकान कविता में ‘बाँस और बबूल’ किसके प्रतीक बताए गए हैं? इन पर शिशु की मुसकान का के या असर होता है?
उत्तर- यह दंतुरित मुसकान कविता में ‘बाँस और बबूल’ कठोर और निष्ठुर हृदय वाले लोगों का प्रतीक है। ऐसे लोगों पर मानवीय संवेदनाओं का कोई असर नहीं होता है। ये दूसरों के दुख से अप्रभावित रहते हैं। शिशु की दंतुरित मुसकान देखकर ऐसे लोग भी सहृदय बन जाते हैं और उसके मुसकान के रूप में शेफालिका के फूल झड़ने लगते हैं।

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प्रश्न 3. ‘चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य’ कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर- कवि नागार्जुन यायावर अर्थात् घुमंतू व्यक्ति थे। वे देश-विदेश के भ्रमण के क्रम में घर पर कम ही रुकते थे। उनकी यह यात्राएँ कई-कई महीनों की हुआ करती थीं। ऐसे ही प्रवास के बाद जब कवि अपने घर लौटा तो शिशु ने उसे पहली बार देखा और पहचान न सका। अपने ही घर में अपनी ऐसी स्थिति देख कवि ने कहा, चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य।

प्रश्न 4. शिशु के धूल लगे शरीर को देखकर कवि को कैसा लगा?
उत्तर- शिशु को धूल-धूसरित शरीर कवि को मुग्ध कर गया। शिशु के ऐसे शरीर को देखकर कवि को लगा कि जैसे तालाब छोड़कर कमल उसकी झोंपड़ी में खिल गया हो और अपना रूप-सौंदर्य बिखेर रहा हो।

प्रश्न 5. ‘पिघलकर जल बन गया होगा कठिने पाषाण’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर- ‘पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण’ के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि शिशु की नवोदित मुसकान अत्यंत मनोहारी होती है। इससे प्रभावित हुए बिना व्यक्ति नहीं रह सकता है। इस मुसकान के वशीभूत होकर पत्थर जैसा कठोर हृदय वाला व्यक्ति भी पिघलकर पानी की तरह हो जाता है।

प्रश्न 6. शिशु किसे अनिमेष ताके जा रहा था और क्यों?
उत्तर- शिशु अनिमेष कवि को ताके जा रहा था। इसका कारण यह था कि प्रवास में रहने के कारण कवि काफ़ी दिनों बाद घर आया था और शिशु उसे पहली बार देखने के कारण पहचान नहीं पा रहा था। शिशु के लिए कवि अपरिचित था और उसे पहचानने का प्रयास कर रहा था।

प्रश्न 7. कवि शिशु की ओर से आँखें क्यों फेर लेना चाहता है?
उत्तर- कवि शिशु की ओर से इसलिए आँखें फेर लेना चाहता है क्योंकि कवि को न पहचान पाने के कारण शिशु उसे अपलक देखे जा रहा है। कवि को लगता है कि इस तरह अपलक निहारने के कारण शिशु शायद थक गया होगा। शिशु को थकान से बचाने और उसका ध्यान अपनी ओर से हटाने के कारण कवि आँखें फेर लेना चाहता है।

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प्रश्न 8. ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने नारी को गरिमामय स्थान प्रदान किया है? इससे आप कितना सहमत हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ‘दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने शिशु की माँ को महत्ता देकर संपूर्ण नारी जाति को गरिमामय स्थान प्रदान किया है। मैं इससे पूर्णतया सहमत हूँ। इसका कारण यह है कि कवि यह स्वीकार करता है कि शिशु की माँ न होती तो वह शिशु से परिचित न हो पाता। इस प्रकार का यथार्थ पाठकों के सामने रखकर उसने नारी जाति की गरिमा बढ़ाई है।

प्रश्न 9. “यह दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने किन्हें धन्य कहा है और क्यों?
उत्तर- ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने नवजात शिशु और उसकी माँ दोनों को धन्य कहा है। उसने शिशु को इसलिए धन्य कहा है क्योंकि ऐसी मुसकान के प्रभाव से कठोर हृदय और थका-हारा जीवन से निराश व्यक्ति भी सहृदय और नवोत्साह से भर उठता है। उसने शिशु की माँ को इसलिए धन्य कहा है क्योंकि उसी के कारण कवि को सुंदर शिशु और उसकी मुसकान देखने का अवसर मिला।

प्रश्न 10. ‘फ़सल’ कविता हमें उपभोक्तावादी संस्कृति के दौर से कृषि संस्कृति की ओर ले जाती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- फ़सल’ कविता के माध्यम से हमें कवि ने यह बताने का प्रयास किया है कि फ़सल क्या है ? किन-किन तत्वों के योगदान से उसका यह अस्तित्व हमारे सामने आता है। इस कविता से यह भी ज्ञात होता है कि एक ओर प्रकृति के अनेकानेक तत्व फ़सल के लिए रूपांतरित होते हैं तो मानव श्रम भी इसके लिए आवश्यक है।

प्रश्न 11. फ़सल उगाने में किसानों के योगदान को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- फ़सल उगाने में प्रकृति के विभिन्न तत्व हवा, पानी, मिट्टी अपना योगदान देते हैं, परंतु किसानों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। सारी परिस्थितियाँ फ़सल उगाने योग्य होने पर भी किसान के अथकश्रम के बिना फ़सल तैयार नहीं हो सकती है। इससे स्पष्ट है कि किसानों का योगदान सर्वाधिक है।

प्रश्न 12. ‘फ़सल’ कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ‘फ़सल’ कविता का प्रतिपाद्य है-लोगों को इस उपभोक्तावादी संस्कृति के बीच कृषि संस्कृति से परिचित कराना तथा फ़सल, जो मानव जीवन का आधार है के योगदान में प्राकृतिक तत्वों के साथ-साथ मानव श्रम को गरिमामय स्थान प्रदान करना। कवि बताना चाहता है कि फ़सल हज़ारों नदियों के पानी, तरह-तरह की मिट्टी के गुणधर्म, हवा की थिरकन, सूरज की किरणों का रूपांतरण और किसानों के अथक श्रम का सुपरिणाम है।

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फसल

1. कवि के अनुसार फसल क्या है?

कवि के अनुसार फसलें पानी, मिट्टी, धूप, हवा और मानव श्रम के मेल से बनती हैं। अर्थात्, फसल किसी एक की मेहनत का फल नहीं, बल्कि इसमें सभी का योगदान सम्मिलित है

2. कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्व कौन-कौन से हैं?

फसल उपजाने के लिए मानव परिश्रम, पानी, मिट्टी, सूरज की किरणें और हवा जैसे तत्व आवश्यक हैं

3. फसल को 'हाथों के स्पर्श की गरिमा' और 'महिमा' कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?

कवि यह कहना चाहता है कि फसल के लिए भले ही प्राकृतिक तत्व जरूरी हैं, लेकिन किसानों के परिश्रम के बिना ये तत्व व्यर्थ हैं। किसानों के श्रम की गरिमा के कारण ही फसलें लहलहाती हैं

4. 'मृतक में भी डाल देगी जान' का आशय स्पष्ट कीजिए।

इसका अर्थ है कि बच्चे की मुसकान इतनी प्रभावशाली और जीवनदायिनी है कि वह मृतप्राय व्यक्ति में भी जीवन का संचार कर सकती है

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अतिरिक्त प्रश्न

  • फसल कविता में किसानों के योगदान को स्पष्ट कीजिए।
    किसान अपने कठिन परिश्रम से फसल को उगाते हैं। उनकी मेहनत के बिना फसल की कल्पना भी नहीं की जा सकती.

  • ‘फ़सल’ कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
    यह कविता उपभोक्तावादी संस्कृति के दौर में कृषि संस्कृति और श्रम की महत्ता को रेखांकित करती है.

चना और अभिव्यक्ति

1 कवि ने फसल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है -
मिट्टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?
उत्तर:- मिट्टी के गुण-धर्म का आशय है- मिट्टी में मिले हुए प्राकृतिक तत्व, खनिज पदार्थ और पोषक तत्व जिनके मेल से किसी मिट्टी का स्वरूप अन्य मिट्टियों से विशेष हो जाता है। किसी भी फसल की उपज मिट्टी के उपजाऊ होने पर निर्भर करती है।

2 कवि ने फसल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है -
वर्तमान जीवन शैली मिट्टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है?
उत्तर:- वर्तमान जीवन-शैली प्रदूषण उत्पन्न करती है। प्रदूषण मिट्टी के गुण-धर्म को प्रभावित करता है। नए-नए खाद्यों के उपयोग से, प्लास्टिक के ज़मीन में रहने से, प्रदूषण से मिट्टी की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है और मिट्टी का मूल स्वभाव बदलकर विकृत हो जाता है। इसका बुरा प्रभाव फसल की उपज पर पड़ रहा है।

3 कवि ने फसल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है -
मिट्टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?
उत्तर:- मिट्टी अपना गुण-धर्म छोड़ दे तो जीवन का स्वरूप विकृत हो जाएगा। अगर फसलों का उत्पाद नहीं होगा तो मनुष्य क्या खाकर रहेगा। अत: मिट्टी का उपजाऊ होना मानव जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक तत्व है।

4 कवि ने फसल को हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म कहा है -
मिट्टी के गुण-धर्म को पोषित करने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है?
उत्तर:- मनुष्य का यह कर्त्तव्य है कि वह मिट्टी के गुण-धर्म को नष्ट होने से बचाए। हम स्वयं जागकर दूसरों में भी जागरूकता ला सकते हैं। मिट्टी के गुण-धर्म को बचाए रखने के लिए हमें मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए, प्लास्टिक की थैलियों का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए तथा पानी का सही उपयोग करना चाहिए।

उत्तर लिखते समय कविता के भाव, प्रतीकों और कवि की अभिव्यक्ति को ध्यान में रखें। सभी उत्तर NCERT और CBSE पैटर्न के अनुसार तैयार किए गए हैं, जिससे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते 

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 Nagarjuna are a helpful guide for students who want to understand the poem fully and score well in exams. This chapter teaches the power of living with simplicity and doing good silently.

Using class 10 Hindi lesson 6 question answer helps in building better answers, deeper understanding, and more confidence in exams. So next time you read this poem, don’t just look at the words feel the message.

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Class 10 Hindi Chapter 6 FAQs

1. What is the main theme of Class 10 Hindi Chapter 6 Nagarjuna?

The main theme is simplicity and selfless living. The poem shows how true beauty lies in doing good quietly, without wanting fame or reward.

2. What is the poem Nagarjuna about?
The poem is about a flower that blooms on its own, without needing anyone’s attention. It teaches the value of living with peace and truth.

3. What message does Nagarjuna give in this poem?

The poet tells us to live simply and truthfully, like the flower, and do good without expecting anything back.

4. How can NCERT solutions help in exam preparation?

NCERT solutions explain the poem line by line and provide correct answers. This helps students write better and get more marks.

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